आगरा, जागरण संवाददाता: अहिंदी भाषीय क्षेत्रों में हिंदी के प्रसार को कार्यरत केंद्रीय हिंदी संस्थान में वर्ष 2001 से लेकर 2005 तक लाखों की सरकारी रकम का बंदरबांट किया गया। फर्जी ढंग से नौकरियां दी गईं। शिकायत पर मंगलवार को मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय के विजिलेंस की टीम ने संस्थान में छापा मारा। जांच के दौरान कुछ रिकार्ड गायब पाए गए हैं।
मंत्रालय के अवर सचिव केपीजे जैराल्ड और विजिलेंस ऑफीसर मनोज शर्मा ने दोपहर 12 बजे संस्थान में कार्रवाई शुरू की। टीम ने कुलसचिव से वार्ता के बाद शिकायत संबंधी सभी लेखा रिकॉर्ड तलब किए। इसके बाद एक-एक कर जांच से जुड़े अधिकारियों और बाबुओं के बयान लिए गए। श्री जैराल्ड ने बताया कि संस्थान में वर्ष 2001 से लेकर 2005 तक जो भी वित्तीय भुगतान हुए, उसमें बड़ी गड़बड़ी की शिकायतें हैं। उक्त अवधि से संबंधित रिकॉर्ड भी गायब कर दिए गए हैं।
रजिस्ट्रार सहित चार पर जांच
अवर सचिव के मुताबिक रजिस्ट्रार प्रो. चंद्रकांत त्रिपाठी, क्लर्क हरीओम शर्मा सहित चार लोगों के खिलाफ जांच शुरू हुई है। इन पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप हैं। अवर सचिव ने बताया कि आरोपियों के भी बयान लिए हैं। हालांकि जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जाएगा।
इन बिंदुओं पर भी कार्रवाई
टीम ने शिकायत के जिन बिंदुओं पर कार्रवाई की उसके अंतर्गत इस अवधि के दौरान छात्रावास के लिए हर साल आने वाली लगभग चार लाख की रकम ठिकाने लगाई गई। सामान की खरीद की जगह फर्जी ढंग से बिलों का भुगतान हुआ, वहीं कई लोगों को मुख्यालय से लेकर मंत्रालय तक फर्जी तरीके से नौकरी दिलाए जाने के भी आरोप हैं। टीम ने इन सभी बिंदुओं पर जांच पड़ताल की।
मेरे खिलाफ साजिश
इस संबंध में रजिस्ट्रार चंद्रकांत त्रिपाठी का कहना है कि मेरे खिलाफ संस्थान के ही अन्य लोगों ने साजिश रची है। झूठी शिकायत पर हो रही विजिलेंस जांच के बाद सब स्पष्ट हो जाएगा।
स्रोत - दैनिक जागरण (
मंत्रालय के अवर सचिव केपीजे जैराल्ड और विजिलेंस ऑफीसर मनोज शर्मा ने दोपहर 12 बजे संस्थान में कार्रवाई शुरू की। टीम ने कुलसचिव से वार्ता के बाद शिकायत संबंधी सभी लेखा रिकॉर्ड तलब किए। इसके बाद एक-एक कर जांच से जुड़े अधिकारियों और बाबुओं के बयान लिए गए। श्री जैराल्ड ने बताया कि संस्थान में वर्ष 2001 से लेकर 2005 तक जो भी वित्तीय भुगतान हुए, उसमें बड़ी गड़बड़ी की शिकायतें हैं। उक्त अवधि से संबंधित रिकॉर्ड भी गायब कर दिए गए हैं।
रजिस्ट्रार सहित चार पर जांच
अवर सचिव के मुताबिक रजिस्ट्रार प्रो. चंद्रकांत त्रिपाठी, क्लर्क हरीओम शर्मा सहित चार लोगों के खिलाफ जांच शुरू हुई है। इन पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप हैं। अवर सचिव ने बताया कि आरोपियों के भी बयान लिए हैं। हालांकि जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जाएगा।
इन बिंदुओं पर भी कार्रवाई
टीम ने शिकायत के जिन बिंदुओं पर कार्रवाई की उसके अंतर्गत इस अवधि के दौरान छात्रावास के लिए हर साल आने वाली लगभग चार लाख की रकम ठिकाने लगाई गई। सामान की खरीद की जगह फर्जी ढंग से बिलों का भुगतान हुआ, वहीं कई लोगों को मुख्यालय से लेकर मंत्रालय तक फर्जी तरीके से नौकरी दिलाए जाने के भी आरोप हैं। टीम ने इन सभी बिंदुओं पर जांच पड़ताल की।
मेरे खिलाफ साजिश
इस संबंध में रजिस्ट्रार चंद्रकांत त्रिपाठी का कहना है कि मेरे खिलाफ संस्थान के ही अन्य लोगों ने साजिश रची है। झूठी शिकायत पर हो रही विजिलेंस जांच के बाद सब स्पष्ट हो जाएगा।
स्रोत - दैनिक जागरण (