आगरा / केंद्रीय हिन्दी संस्थान की फर्जी मार्कशीट कांड में फंसे रजिस्ट्रार चंद्रकांत त्रिपाठी को मंत्रालय के आदेश पर सोमवार को निदेशक ने निलंबित कर दिया। संस्थान के कई कोर्सों की फर्जी मार्कशीट उड़ीसा से वेरीफिकेशन के लिए आगरा आई थी, इसके बाद पूरे फर्जी मार्कशीट कांड का खुलासा हुआ।
केंद्रीय हिन्दी संस्थान के आगरा मुख्यालय में गैर हिन्दी भाषी राज्यों के छात्रों के लिए अध्यापक शिक्षण कोर्स संचालित हैं। इनमें बीटीसी के समकक्ष कोर्स प्रवीण, बीएड के समकक्ष कोर्स पारंगत और एमएड के समकक्ष कोर्स निष्णात आगरा मुख्यालय पर होता है। इन कोर्सों की 100 से अधिक फर्जी मार्कशीट उड़ीसा, भुवनेश्वर में धड़ल्ले से चल रहीं थी। कई छात्रों ने इन मार्कशीट से नौकरी भी पा ली। उड़ीसा से पिछले साल जब कई मार्कशीट वेरीफिकेशन के लिए जब आगरा आई, तो फर्जीवाड़ा सामने आया।
फर्जी मार्कशीट कांड में संस्थान प्रशासन ने अदालत के माध्यम से रजिस्ट्रार चंद्रकांत त्रिपाठी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की एक उच्च स्तरीय कमेटी ने पूरे मामले की जांच की। जांच रिपोर्ट में रजिस्ट्रार की भूमिका संदिग्ध मिलने पर कमेटी ने रजिस्ट्रार के निलंबन की संस्तुति की। सोमवार को हिन्दी संस्थान के निदेशक प्रो. नंद किशोर ने रजिस्ट्रार चंद्रकांत त्रिपाठी को निलंबित कर दिया। सोमवार को ही उन्हें आगरा से रिलीव कर दिया गया। आगामी जांच तक रजिस्ट्रार को हिन्दी संस्थान के अहमदाबाद केन्द्र से सबंद्ध किया गया है।
16 साल से कुर्सी पर था कब्जा
वाराणसी के मूल निवासी चंद्रकांत त्रिपाठी पिछले 16 वर्षो से केंद्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा मुख्यालय पर बतौर रजिस्ट्रार कुर्सी संभाल रहे थे। नवंबर 2000 में उनकी नियुक्ति आगरा में हुई थी। पिछले कई वर्षों से तरह-तरह के आरोपों को लेकर रजिस्ट्रार चर्चाओं में रहे।
इन मामलों में चल रही थी जांच
- रजिस्ट्रार चंद्रकांत त्रिपाठी ने एक लोरी कंपनी को हवाई टिकट के भुगतान के लिए 10 लाख रुपये का भुगतान किया था। यह कंपनी संस्थान में पढ़ने वाले छात्रों के लिए हवाई टिकट का प्रबंध करती थी। इस मामले की जांच में क्या हुआ, यह अभी तक पता नहीं चला।
- केंद्रीय हिन्दी संस्थान में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में रजिस्ट्रार की जांच केन्द्रीय सतर्कता आयोग ने की। हांलाकि इस मामले में उन्हें क्लीन चिट मिल चुकी है।
- छात्र-छात्राओं से गाली-गलौज और अभद्रता का मामला पिछले दिनों सामने आया था। इस मामले में भी रजिस्ट्रार पर छात्रों ने कई गंभीर आरोप लगाए थे।
- संस्थान में संचालित विभिन्न कोर्सो में फर्जी प्रवेश प्रक्रिया की शिकायत की जांच भी रजिस्ट्रार को लेकर हो चुकी है।
मंत्रालय की समिति चलाती है संस्थान
केएचएस केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की समिति के अधीन है। केंद्रीय हिन्दी शिक्षण मंडल के नाम से संचालित इस समिति के अध्यक्ष केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर हैं।
फर्जी मार्कशीट मामले में रजिस्ट्रार को निलंबित किया है। मंत्रालय की एक कमेटी ने पूरे मामले की जांच की। उड़ीसा में संस्थान की फर्जी मार्कशीट मिली थीं।
प्रो. नंद किशोर पाण्डेय, निदेशक, केंद्रीय हिन्दी संस्थान
नहीं रिसीव किया फोन
इस मामले में रिजस्ट्रार चंद्रकांत त्रिपाठी का पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल नंबर पर कई बार संपर्क किया। मोबाइल पर रिंग बजती रही, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
http://www.livehindustan.com/news/agra/article1-Registrar-suspended-for-marksheets-Forgery-in-kendriya-Hindi-sansthan-Agra-651624.html