Wednesday, December 31, 2014

केंद्रीय हिंदी संस्थान में मंत्री ने पकड़ा छात्रवृत्ति घोटाला

केंद्रीय हिंदी संस्थान में फर्जी मार्कशीट के बाद अब विदेशी छात्रों की छात्रवृत्ति में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। मंगलवार को संस्थान पहुंचे केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डा. रामशंकर कठेरिया ने पड़ताल की तो इसका खुलासा हुआ। उन्होंने अधिकारियों को मामले की जांच करने और दोषियों से छात्रवृत्ति की रिकवरी कर मामला दर्ज कराने का निर्देश दिया है।


बता दें, अमर उजाला ने 24 दिसंबर के अंक में ‘केंद्रीय हिंदी संस्थान में 132 फर्जी मार्कशीट’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। मामले की जानकारी के लिए मंगलवार को केंद्रीय राज्यमंत्री डा. कठेरिया संस्थान पहुंचे। उन्होंने प्रशासनिक विभाग, लेखा विभाग, लाइब्रेरी, परीक्षा विभाग आदि का निरीक्षण किया। उन्होंने कंप्यूटर प्रयोगशाला में मार्कशीट की प्रिटिंग तत्काल बंद करने और फर्जी मार्कशीट मामले में एफआईआर कराने के निर्देश दिए। 
पड़ताल के दौरान मंत्री के हाथ छात्रवृत्ति का रजिस्टर लग गया। पता चला कि संस्थान में 68 विदेशी और 200 भारतीय विद्यार्थी हैं। प्रत्येक विदेशी विद्यार्थी को हर महीने 3500 रुपये की छात्रवृत्ति मिलती है, जबकि भारतीय विद्यार्थी को 2500 रुपये। यह छात्रवृत्ति भी ज्यादातर को नकद ही दी जा रही है। जबकि संस्थान परिसर में बैंक भी है। विदेशी विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति से मैस के नाम पर हर माह दो हजार रुपये काटे जाते हैं। एक माह में यह राशि एक लाख 36 हजार होती है। वहीं भारतीय छात्र चंदा कर ठीक इससे आधी धनरिाश में एक हलवाई से खाना बनवाकर खाते हैं। 
विदेशी छात्रों के कई हफ्ते छुट्टी पर जाने के दौरान भी उनकी छात्रवृत्ति से मैस के नाम पर कटौती होती है। हैरत की बात है कि संस्थान किसी मैस का संचालन ही नहीं कर रहा। संस्थान ने तीन रसोइयों को अनुबंध पर नियुक्त किया हुआ है। इन्हें दस हजार रुपये महीने वेतन दिया जा रहा है। खाने के लिए हर महीने मोटी रकम देने के बावजूद विदेशी विद्यार्थी खुद ही राशन जुटाते हैं। कई बार विदेशी छात्राओं को सिकंदरा मंडी में सब्जी खरीदते देखा गया है। यह बात मंत्री के सामने निदेशक प्रो. मोहन ने भी स्वीकार की है। 

कठेरिया ने कहा कि भारतीय विद्यार्थियों से यह कटौती इसलिए नहीं की जाती, क्योंकि वह विरोध कर सकते हैं और संस्थान में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खोल सकते हैं। उन्होंने विदेशी छात्राओं की सुरक्षा पर भी सवाल खडे़ किए। उन्होंने कहा कि नियमानुसार संस्थान किसी भी छात्र की छात्रवृत्ति से कटौती नहीं कर सकता। अधिकारी जल्द सभी विद्यार्थियों के खाते बैंक में खुलवाएं और छात्रवृत्ति उसी में जमा कराएं। 


300 स्टूडेंट पर 100 का स्टाफ
मंत्री कठेरिया को बताया गया कि 300 स्टूडेंट्स पर संस्थान में शिक्षकों और कर्मचारियों की फौज है। अस्थाई, स्थाई शिक्षकाें, कर्मचारियों की कुल संख्या 100 के करीब है। केंद्रीय मंत्री ने जब शिक्षकों की उपस्थिति जांची तो आधे ही शिक्षक मौजूद मिले। ज्यादातर छुट्टी पर थे। उन्होंने अनुबंधित शिक्षकों को स्थाई तौर पर नियुक्त करने को भी कहा।

मेंटेनेंस को मिले चार करोड़, फिर भी हालत खस्ता
केंद्रीय हिंदी संस्थान भवन के मेंटेनेंस के लिए चार करोड़ रुपये सरकार ने दिए हैं। बावजूद इसके हालत खस्ता है। मंत्री कठेरिया ने संस्थान की अंदरूनी हालत सुधारने के निर्देश दिए।

स्रोत - अमर उजाला (31/12/2014)
http://bit.ly/1hquc4h

Kendriya Hindi Sansthan in Agra to undergo revamp

Agra: A budget of Rs 4 crore has been sanctioned by the Centre for the renovation of buildings of Kendriya Hindi Sansthan in Khandari area of the city. 

MoS (HRD) Ramshankar Katheria, who conducted a surprise inspection of the institute on Tuesday, directed the officials to draw a plan for renovating the classrooms and hostels of the institution. 

Katheria also asked the institute's director to open bank accounts for all foreign students studying in the institute so that scholarship amount of Rs 3,500 could be deposited there. During the inspection, the minister found that many of those students did not have a bank account and they were receiving the money after signing in a register. 

Anil Chaudhary, the minister's representative, said, "Such a system invites malpractice. The Agra MP has set the deadline of January 15 to complete the procedure. There is a branch of a bank in the campus and there are 100 foreign students studying in the campus." 

Katheria also raised objection over the institute's practice of deducting Rs 2,000 from student's scholarship money for mess facility even during vacation months. He said students should not be made to visit markets for buying groceries and other items and the institute should make these arrangements itself. 

The Agra MP also directed the officials to publish mark sheets in utmost secrecy and put an immediate ban on printing in the computer lab. He also asked the institute's director Prof Mohan to lodge an FIR in the fake marksheet case which rocked the Ambedkar University recently. 

Katheria expressed displeasure after finding many staffers on leave during the inspection. He said action will be taken against officials if they do not improve their working style in the coming days. 

The surprise inspection lasted for one hour, during which the minister visited the various departments and classrooms. Despite repeated attempts, institute's director Prof Mohan could not be contacted for his comments.

Wednesday, December 24, 2014

केंद्रीय हिंदी संस्थान में 132 फर्जी मार्कशीट

डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की तरह ही केंद्रीय हिंदी संस्थान की भी मार्कशीट और डिग्री तैयार करने का रैकेट संचालित है। साल 2003 से 2012 तक के ऐसे 132 मामलों का रिकॉर्ड अमर उजाला के पास है, जिनके भौतिक सत्यापन में संस्थान की मार्कशीट और डिग्री फर्जी पाई गई हैं। नौकरी मिलने के बाद संबंधित विभागों ने डिग्रियों को संस्थान को भौतिक सत्यापन के लिए भेजा था।

फर्जी पाई गईं मार्कशीट हु-बहू असली जैसी हैं। बिना अंकों के भौतिक सत्यापन के इन्हें पकड़ पाना मुमकिन नहीं। प्रत्येक मार्कशीट पर परीक्षा नियंत्रक के नकली हस्ताक्षर हैं और संस्थान की मोहर भी है। इतना ही नहीं पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल के नकली हस्ताक्षर से भी कई डिग्रियां जारी की गई हैं। 
बताया जाता है कि इस तरह के अभी तक सामने आए मामलों की संख्या एक हजार से ऊपर है। संस्थान के एक अधिकारी ने इस मामले की शिकायत मानव संसाधन विकास मंत्रालय से की है। मंत्रालय ने इस संबंध में संस्थान के निदेशक से जांच करने को भी कहा है। 

ऐसा नहीं है कि संस्थान की फर्जी डिग्री और मार्कशीट पकडे़ जाने का खुलासा पहली बार हुआ है। पिछले साल नवंबर में हैदराबाद पुलिस में अदीलाबाद के डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर ने तीन शिक्षकों पर मामला दर्ज कराकर कहा था कि शिक्षकों ने केंद्रीय हिंदी संस्थान की फर्जी डिग्री और मार्कशीट के आधार पर प्रमोशन पाया है। इस मामले में पुलिस ने संस्थान के निदेशक को चिट्ठी लिखकर ऐसे मामलाें की जानकारी मांगी थी।

मालूम हो कि संस्थान के देशभर में दिल्ली, हैदराबाद, गुवाहाटी, शिलांग, मैसूर समेत छह केंद्र हैं। आगरा मुख्यालय है। यहीं सभी केंद्रों की परीक्षाओं का संचालन किया जाता है। प्रश्न पत्र से लेकर मार्कशीट और डिग्री प्रिंट करने का जिम्मा मुख्यालय पर ही है। केंद्रीय हिंदी संस्थान की अभी तक हिंदी शिक्षण में अलग पहचान है। संस्थान उच्चकोटि के शोध कार्यों को पुस्तक के रूप में प्रकाशित भी करता है। संस्थान में डिजिटल भाषा प्रयोगशाला, कंप्यूटर प्रयोगशाला एवं दृश्य श्रव्य माध्यमों द्वारा विदेशी भाषा के रूप में हिंदी सिखाने के लिए कई पाठ्यक्रमों का विकास किया है। यहां से अर्मेनिया, अफगानिस्तान, बुल्गारिया, बेलारूस, चेक रिपब्लिक, फिजी, गयाना, जार्जिया, हंगरी, इटली, इंडोनेशिया, जापान, लिथुआनिया, मॉरीशस, मंगोलिया, रूस, श्रीलंका, थाईलैंड, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, वियतनाम, आस्ट्रिया, रोमानिया, सूरीनाम, चीन आदि देशों से छात्र यहां हिंदी सीखने आते हैं।
स्रोत - अमर उजाला (24/12/2014)
http://bit.ly/1T6z6Ez