आगरा
गैर हिंदी भाषी लोगों के लिए आगरा में बना केंद्रीय हिंदी संस्थान। आगरा में बना यह देश का सबसे बड़ा केंद्र है। इस संस्थान में भ्रष्टाचार का दीमक लग चुका है। संस्थान में अभी तक उड़ीसा के 132 छात्रों की मार्कशीट फर्जी पाई गई हैं।
आरटीआई के माध्यम से जब संस्थान से जवाब मांगा गया तो पता चला की पिछले 9 साल के फर्जी अंकपत्रों की जांच का कोई ब्योरा संस्थान के पास नही है। आगरा का केंद्रीय हिंदी संस्थान देश की हिंदी भाषा का मुख्य केंद्र है जहां इस समय देश के पूर्वोत्तर और विदेशी दोनों मिलाकर लगभग 3 सौ छात्र हिंदी भाषा का कोर्स कर रहे है।
केंद्रीय हिंदी संस्थान की डिग्री का उड़ीसा और पूर्वोत्तर राज्यों में खास महत्व है क्योंकि वहां संस्थान की डिग्री मिलते ही सरकारी नौकरी मिल जाती है। इसी के चलते केंद्रीय हिंदी संस्थान फर्जीवाड़े का एक बड़ा केंद्र बना हुआ है। उड़ीसा से जांच के लिए आई 132 डिग्रीयां फर्जी पाई गई हैं।
सुनीत चौहान नाम के आरटीआई एक्टिविस्ट ने संस्थान से जब सूचना मांगी तो खुलासा हुआ कि केंद्रीय हिंदी संस्थान के पास फर्जी डिग्री की जांचों का केवल एक साल का रिकॉर्ड है 9 सालों से जांचों के सारे रिकॉर्ड गायब हैं।
स्रोत - न्यूज़ 18 (16/01/2015)
http://bit.ly/1McGuIZ
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