Thursday, March 5, 2015

केंद्रीय हिंदी संस्थान के लेखाधिकारी पर सीवीसी की जाँच

केंद्रीय हिंदी संस्थान में वित्तीय अनियमितताआें की जांच केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) करेगा। आरटीआई एक्टिविस्ट सुनीत चौहान ने प्रधानमंत्री कार्यालय और सीवीसी से शिकायत कर लेखाधिकारी और डिप्टी रजिस्ट्रार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीएमओ के निर्देश पर ही सीवीसी ने मामला पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी है।


शिकायत में कहा गया कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर के स्वायत्तशासी संस्थान में उच्च अधिकारी नियमों को ताक पर रख सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहे हैं। लेखाधिकारी को अपने गृह नगर में प्लॉट खरीदने को 20 अगस्त 2013 में भवन निर्माण मद से साढे़ सात लाख रुपये दिए गए। लेखाधिकारी पर पद पर रहते हुए उच्च श्रेणी का आवास आवंटन, लाइसेंस फीस सामान्य रूप से लेना, तीन बच्चों की ट्यूशन फीस लेना, संस्थान में नियम विरुद्घ तरीके से बच्चाें का शिक्षण शुल्क लेने जैसे आरोप हैं।
परिवार के साथ सरकारी खर्चे पर हवाई यात्राएं
डिप्टी रजिस्ट्रार अनिल चौधरी पर इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, पटना में कनिष्ठ लेखाधिकारी रहते हुए सेवा शर्तों की अनदेखी करने और चार लाख रुपये जमा न करने और बिना अनुमति के परिवार के साथ सरकारी खर्चे पर हवाई यात्राएं करने का आरोप भी हैं।
रजिस्ट्रार पर लगे आरोपों की जांच चल रही
इससे पहले रजिस्ट्रार चंद्रकांत त्रिपाठी पर भी वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अवर सचिव पीपी नायर ने बीते साल जुलाई में निदेशक को जांच के आदेश दिए थे। रजिस्ट्रार पर लगे आरोपों की जांच सीबीआई की एंटी करप्शन शाखा भी कर रही है।
वर्जन-
सभी आरोप गलत हैं। जांच में सब साबित हो जाएगा। पूरा मामला प्रमोशन का है। एक साथी हैं जो प्रमोशन की दौड़ में हैं, लेकिन कदाचार के आरोपों के कारण उनका प्रमोशन नहीं हो सका है। उन्होंने ही यह आरोप लगवाए हैं। ताकि मैं दौड़ से बाहर हो जाऊं और उन्हें प्रमोशन मिल जाए।
- अनिल चौधरी, डिप्टी रजिस्ट्रार, केंद्रीय हिंदी संस्थान

स्रोत - अमर उजाला (05/03/2015)
http://bit.ly/1IVEzaO

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