Monday, September 14, 2015

केन्द्रीय हिन्दी संस्थान आगरा के निदेशक डॉ नंदकिशोर पांडे


जयपुर हिन्दी को संरक्षण देने के साथ ही आधुनिक भाषा के रूप में विकसित करने की जरूरत है। हिन्दी को भारतीय संस्कृति और गौरव के रूप में जन-जन से जोडऩे की जरूरत है। यह कहना है शिक्षा राज्य मंत्री
प्रोफेसर वासुदेव देवनानी का।
देवनानी सोमवार को हिन्दी दिवस के अवसर पर भाषा एवं पुस्तकाल विभाग द्वारा जवाहर कला केन्द्र में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

 देवनानी ने कहा कि चिकित्सा, विज्ञान एवं तकनीकी विषयों में अधिकाधिक हिन्दी भाषा में लेखन को बढावा देने की जरूरत है। शिक्षामंत्री ने कहा कि पचास से अधिक देशों के पांच सौ से अधिक केंद्रों पर हिंदी पढाई जाती है।
जिस भाषा ने दूसरी भाषाओं को अपनाते हुए उनका संरक्षण किया है, एेसी भाषा के विकास की जरूरत है। समारोह में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की वर्ष 2015 की परीक्षामें हिन्दी में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र देकर शिक्षामंत्री ने सम्मानित किया।

हिन्दी को मिले वैश्विक दर्जा
एक समय था जब हिंदी क प्यूटर की भाषा नहीं थी परन्तु आज इन्टरनेट में भी हिन्दी का बोलबाला है। बहुराष्ट्रीय क पनियां भी अपने उत्पाद भारत में बेचने के लिए हिन्दी में ही अपना प्रचार कर रही हैं। हिन्दी के विश्वव्यापी महत्व को समझते हुए इसे विश्व की पहले दर्जे की भाषा के रूप में स्थापित किया जाना चाहिए।
सरकारी कामकाजों में पिछड़ापन
केन्द्रीय हिन्दी संस्थान आगरा के निदेशक डॉ नंदकिशोर पांडे ने कहा कि हिन्दी भाषा बोल चाल में नहीं बल्कि सरकारी कामकाजों में पिछड़ी हुई है। हिन्दी की ताकत यही है कि वह सबकी है, लेकिन बोली के रूप में किसी की नहीं है। इस अवसर पर देवर्षि कलानाथ शास्त्री ने हिन्दी के गौरव को सदा अपने साथ रखने और भाषा शुद्धि पर भी विशेष ध्यानल देने पर जोर दिया। भाषा एवं पुस्तकालय विभाग की निदेशक चित्रा गुप्ता ने भी विचार व्यक्त किए

स्रोत -
http://rajasthanpatrika.patrika.com/story/rajasthan/hindi-need-to-develop-as-a-modern-language-1302301.html

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